कनाडा में आखिर क्यों की गयी है आपातकाल की घोषणा? क्यों और किसके द्वारा हो रहे है वहां प्रोटेस्ट आइये जानते है?

पिछले कुछ हफ्तों से कनाडा में इतने भारी प्रोटेस्ट चल रहे है कि कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को देश भर में हो रहे टीकाकरण विरोधी जनादेश को समाप्त करने और राजधानी ओटावा के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध करने के लिए देश में पहली बार इस्तेमाल किए जाने के लिए आपात स्थिति अधिनियम लागू किया। इस प्रोटेस्ट को फ्रीडम कॉन्वॉय प्रोटेस्ट का नाम दिया गया है। 

ट्रूडो ने सोमवार को कहा कि विरोध और नाकेबंदी कनाडा की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है और जनता की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। ट्रूडो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम अवैध और खतरनाक गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते हैं और न ही कभी देंगे।”

कहाँ से हुई इस आंदोलन की शुरुआत ?

दरअसल इस कहानी की शुरुआत होती है कोरोना वायरस से जिसमे कई बार lockdown लगाए गए, कई स्कूलों को बंद किया गया जिसकी वजह से  वहां की अर्थव्यवस्था क्रैश कर गयी, लोगों के व्यवसाय ठप्प हो गए, उनके लिए मास्क पहनना कंपल्सरी किया गया, जबरदस्ती वैक्सीन लगाने के लिए मजबूर भी किया गया और अगर यह भी कहा गया कि अगर उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई तो उन्हें माल्स, रेस्त्रो और दुकानों में जाना बंद करना पड़ेगा।

हालाँकि covid-19 के लिए अलग अलग रूल्स अलग अलग रूप में हर देश में देखने को मिले है।  कुछ लोगो का यह मानना था की इस तरह के रिस्ट्रिक्शन्स लगाने बहुत जरुरी था क्योंकि एक तरीका था इससे इन्फेक्शन फैलने से रोका जा सकता था वहीँ कुछ लोग इस तरह के रिस्ट्रिक्शन्स के सख्त ख़िलाफ़ है।  

लेकिन यहाँ  डिबेट का मुद्दा यह था  कि आखिर कोविड वैक्सीन या कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर कैसे नियम बनाए गए हैं, जिसकी वजह से यहां व्यापक प्रदर्शन हो रहा है इसके  साथ ही सवाल ये है कि ये प्रोटेस्ट कौन कर रहा है और प्रदर्शन की वजह से देश में लोगों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, तो जानते हैं इन्हीं सभी सवालों के जवाब, जिसके बाद कनाडा में हो रहे बवाल के बारे में अच्छे से समझ पाएंगे।  

कनाडा इकलौता ऐसा देश है जहाँ पेंडेमिक के दौरान सबसे ज्यादा शख्ती बरती गयी थी।  पर आज के दिन तक जो रिस्रकिशन लगी है वो सबसे ज्यादा सख्त है क्योंकि जब बाकी देशों में अपने स्ट्रिक्ट रूल में नरमी बरती है।

कौन कर रहा है प्रदर्शन?

वैसे तो यह प्रदर्शन देश की आम जनता की ओर से की जा रही है, जिसमें एक बड़ा वर्ग ट्रक ड्राइवर्स का हैं पर कई लोग इसे ट्रक ड्राइवर्स का प्रदर्शन बता रहे हैं और हजारों की संख्या में ट्रक ड्राइवर्स लंबे समय से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और अब ये प्रदर्शन देश के अन्य हिस्सों में भी बढ़ता जा रहा है हजारों ट्रक ड्राइवरों ने इस प्रदर्शन को ‘फ्रीडम कॉन्वॉय’ नाम दिया है और इन नाम से प्रदर्शन हो रहे हैं।  

गिरफ्तारी से भी नहीं डर रहे प्रदर्शनकारी

ओटावा पुलिस के मुताबिक, कनाडा की राजधानी में वैक्सीन जनादेश का विरोध करने वाली भीड़ से वे अधिक हैं। प्रांतीय आपातकाल की स्थिति के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तारी और जेल की धमकी को नजरअंदाज कर दिया और सप्ताहांत में शहर के केंद्र में जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न सड़कों पर तंबू, एक मंच, एक बड़ी वीडियो स्क्रीन और यहां तक कि एक हॉट टब भी लगाया है। इन सड़कों में वेलिंगटन स्ट्रीट भी शामिल है, जो संसद भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने से गुजरती है।

क्या है नियम?

नियम है कि ट्रक ड्राइवरों सहित सभी सीमा पार आवश्यक श्रमिकों को बंदरगाह में प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन का प्रमाण दिखाना होगा. सरकार ने 15 जनवरी को नियम लागू किया था। 

इसके तहत कनाडा में प्रवेश कर रहे ट्रक ड्राइवरों को वैक्सीनेशन का सबूत दिखाना अनिवार्य किया गया था जिसमे अगर कोई ड्राइवर सबूत नहीं दिखा पाता तो नियम के अनुसार उसे क्वारंटाइन में रहना होगा। वैसे, अमेरिका ने भी ऐसा नियम लागू किया था और बता दें कि कनाडा में 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है। 

वॉर मेजर्स एक्ट को किया रिप्लेस

इमरजेन्सी एक्ट ने 1980 के दशक में लागू हुए वॉर मेजर्स एक्ट को रिप्लेस किया है। इमरजेन्सी एक्ट एक राष्ट्रीय आपातकाल को एक अस्थायी “तत्काल और महत्वपूर्ण स्थिति” के रूप में परिभाषित करता है, जो कनाडाई लोगों के जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डालती है और इस तरह की या इस प्रकृति की है कि इससे निपटने की किसी प्रांत की क्षमता पर भी भारी है। सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इमरजेन्सी एक्ट जन कल्याण (प्राकृतिक आपदाएं, बीमारी का प्रकोप), सार्वजनिक व्यवस्था (नागरिक अशांति), अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति या युद्ध आपात स्थिति को प्रभावित करने वाले आपातकालीन परिदृश्यों में प्रतिक्रिया देने के लिए विशेष शक्तियां देता है।

कनाडा के नागरिकों के हित में क्या कदम सहीं है ? 

इमरजेन्सी एक्ट को अचानक से लागू किया जाना पुलिस को उन जगहों पर व्यवस्था बहाल करने के लिए और अधिक अधिकार देता है, जहां सार्वजनिक सभा अवैध और खतरनाक गतिविधियों जैसे कि नाकेबंदी का गठन करती है। सरकार सीमा पार और हवाई अड्डों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी नामित और सुरक्षित कर रही है। ट्रूडो ने कहा कि इमरजेन्सी एक्ट को लागू करने से सरकार को यह सुनिश्चित करने की भी अनुमति मिलेगी कि आवश्यक सेवाएं – जैसे कि ट्रकों को हटाने के लिए रस्सा सेवाएं – प्रदान की जाएं।

ट्रूडो ने कहा कि यह इमरजेन्सी एक्ट आरसीएमपी को जहां आवश्यक हो, नगर पालिका उपनियमों और प्रांतीय अपराधों को लागू करने में सक्षम करेगा। आगे कहा कि यह कदम कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने, लोगों की नौकरियों की रक्षा करने और हमारे संस्थानों में विश्वास बहाल करने को लेकर है।”